LIC Share News: केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में हिस्सेदारी बेचने के लिए ऑफर फॉर सेल (OFS) की अनुमति दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला वित्तीय वर्ष 2026 के लिए तैयार की गई विनिवेश योजना के तहत लिया गया है। सरकार का उद्देश्य इस कदम के जरिए आम निवेशकों की भागीदारी को बढ़ाना है ताकि अधिक लोग इसमें निवेश कर सकें। इसके साथ ही, सरकारी क्षेत्र की इस बड़ी बीमा कंपनी के बाजार मूल्य को बेहतर करना भी इस प्रक्रिया का अहम मकसद है।
सरकार के पास एलआईसी में लगभग 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी मौजूद है, जबकि बाकी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आम निवेशकों के पास है। वर्तमान में एलआईसी का बाजार मूल्य लगभग 5.98 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। अगर सरकार अपनी 1 प्रतिशत हिस्सेदारी बाजार में बेचती है तो उसे इससे करीब 6,000 करोड़ रुपये की रकम मिल सकती है। इस तरह यह सौदा सरकार के लिए राजस्व जुटाने का एक बड़ा जरिया साबित हो सकता है।
विनिवेश प्रोग्राम का हिस्सा
यह प्रस्तावित OFS सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2026 के लिए एक अहम सौदा साबित हो सकता है। अप्रैल में आई एक रिपोर्ट में CNBC-TV18 ने बताया था कि एलआईसी उन बड़ी सरकारी कंपनियों में से एक है, जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह कदम सरकार की विनिवेश रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है और इससे सरकारी खजाने को बेहतर राजस्व मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
बाजार की मौजूदा स्थिति की रणनीति
बाजार की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए विनिवेश की योजना तैयार की जाएगी। DIPAM के सचिव अरुणिश चावला ने CNBC-TV18 से बातचीत में बताया कि सरकार भविष्य में एलआईसी में अपनी और हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। उनका कहना था कि सरकार की कोशिश है कि एलआईसी के शेयर ज्यादा से ज्यादा आम निवेशकों और पॉलिसीधारकों तक पहुँचें। उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि सरकार चाहती है कि एलआईसी हर भारतीय परिवार का हिस्सा बने और लोग इसे अपने निवेश का अहम हिस्सा मानें। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे की रणनीति पूरी तरह से बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करेगी और उसी के अनुरूप कदम उठाए जाएंगे।
LIC ने 2022 में अपनी लगभग 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर शेयर बाजार में कदम रखा था और वहां लिस्ट हुई थी। वर्तमान में इसके शेयर अपनी एम्बेडेड वैल्यू के लगभग 0.9 गुना के आसपास ट्रेड हो रहे हैं। यानी कंपनी का बाजार मूल्य अभी भी उसकी वास्तविक एम्बेडेड वैल्यू से थोड़ा कम बना हुआ है।
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