India vs England Test- भारत ने बर्मिंघम में खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड को 336 रन से करारी शिकस्त दी। इस शानदार जीत के साथ सीरीज़ अब 1-1 की बराबरी पर आ गई है और दोनों टीमें अब बढ़त हासिल करने के लिए पूरी ताक़त झोंकने को तैयार हैं। भारत के लिए यह जीत इसलिए भी यादगार बन गई क्योंकि उसने 58 साल बाद एजबेस्टन के मैदान पर पहली बार जीत दर्ज की और यह कामयाबी युवा कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में मिली। तीसरा टेस्ट मैच गुरुवार, 10 जुलाई से शुरू होगा और अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत इस मुकाबले के लिए कैसी प्लेइंग इलेवन उतारता है। दूसरी तरफ, इंग्लैंड ने बुधवार को अपनी टीम की घोषणा कर दी, जिसमें तेज़ गेंदबाज़ जोफ्रा आर्चर की चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी भी शामिल है।
दूसरे टेस्ट मैच में भारत को अपने स्टार तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की कमी महसूस हुई, जिन्हें उनके कार्यभार को संभालने के लिए आराम दिया गया था। हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद भारतीय गेंदबाज़ी में कोई कमी नहीं आई। तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने मोर्चा संभाल लिया और इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी को पूरी तरह दबाव में डालते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। दोनों गेंदबाज़ों ने शानदार लय में गेंदबाज़ी करते हुए यह दिखा दिया कि टीम में गहराई है और हर खिलाड़ी मौका मिलने पर जिम्मेदारी निभाने को तैयार है।
मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान शुभमन गिल ने यह जानकारी दी कि जसप्रीत बुमराह तीसरा टेस्ट खेलेंगे। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उनकी जगह टीम से किस खिलाड़ी को बाहर किया जाएगा।
वहीं, गिल और उनकी टीम के द्वारा बनाए गए ढेरों रनों ने बेन स्टोक्स को अपनी पुरानी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया। पहले उनका तरीका यह था कि सपाट विकेट तैयार करवाकर विरोधी टीम को खेल से बाहर कर दिया जाए, लेकिन इस बार भारतीय बल्लेबाजों की शानदार बल्लेबाज़ी ने उन्हें अपनी योजना पर दोबारा सोचने को विवश कर दिया।
भारतीय बल्लेबाज़ों ने सपाट पिचों पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए शानदार कामयाबी हासिल की, लेकिन यही सफलता अब उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। मेज़बान टीम पर अब ऐसी पिच तैयार करने का दबाव है, जहाँ गेंदबाज़ों को काफी हद तक सीम मूवमेंट मिले ताकि मुकाबला बराबरी का हो सके। इसके अलावा लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान की एक अनोखी चुनौती भी उनका इंतज़ार कर रही है, वहाँ की ढलान, जो ऊपर से नीचे की ओर जाती है और खेल को और पेचीदा बना देती है।
इस परिप्रेक्ष्य में जसप्रीत बुमराह की वापसी और जोफ्रा आर्चर का शामिल होना, जो लगभग चार साल बाद इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच खेलेंगे, बल्लेबाज़ों के लिए हालात को और भी कठिन बना देगा। इन दोनों की मौजूदगी में पिच की हर हरकत और ज्यादा खतरनाक हो सकती है, जिससे बल्लेबाज़ों की परीक्षा और कड़ी हो जाएगी।
पर्यटकों को बल्लेबाज़ी के मोर्चे पर ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं दिख रही, बस करुण नायर की फॉर्म को लेकर थोड़ी दिक्कत ज़रूर है। नायर को उस गेंद का सामना करने में परेशानी होती दिखी है, जो लेंथ से उछलकर ऊपर आती है और उन्हें असहज कर देती है। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों से उम्मीद की जा सकती है कि वे यशस्वी जायसवाल पर शरीर के करीब शॉर्ट पिच गेंदों की बौछार करेंगे, लेकिन जैसा कि अक्सर होता है, भारतीय सलामी बल्लेबाज़ किसी न किसी तरह से रन बनाने का रास्ता निकाल ही लेते हैं। उनकी लय और आत्मविश्वास से यही लगता है कि वह इन चुनौतियों का सामना करके फिर से असरदार पारी खेल सकते हैं।
भारत की प्लेइंग इलेवन में जो एकमात्र बदलाव होने की उम्मीद है, वह यह कि प्रसिध कृष्णा की जगह जसप्रीत बुमराह को शामिल किया जाएगा। लीड्स में खेले गए मुकाबले के बाद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों की धार और असर पर गंभीर सवाल उठे थे। हालांकि अब आकाश दीप, मोहम्मद सिराज और बुमराह की तिकड़ी के साथ गेंदबाज़ी आक्रमण कहीं अधिक संतुलित और खतरनाक नज़र आ रहा है, जिससे टीम को काफी मजबूती मिलने की संभावना है।
भारत की संभावित एकादश (तीसरे टेस्ट के लिए): इस मैच में ओपनिंग की जिम्मेदारी यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल निभा सकते हैं। तीसरे नंबर पर करुण नायर के उतरने की उम्मीद है। टीम की कप्तानी इस मुकाबले में शुभमन गिल संभाल सकते हैं और विकेटकीपिंग का जिम्मा ऋषभ पंत के कंधों पर रहेगा। ऑलराउंडर के तौर पर रविंद्र जडेजा, नितीश रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया जा सकता है। गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, आकाश दीप और मोहम्मद सिराज पर तेज आक्रमण की जिम्मेदारी रहेगी। इस तरह से यह टीम संतुलन के साथ मैदान में उतरने की संभावना है।
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